सबसे पहले मैं उस महान महात्मा डॉ . क्रिश्चियन फ्राइडरिक सैम्यूल हानेमान [ हैनिमैन ] को शत शत नमन हू, जिन्होंने विश्व को ऐसी अद्भुत चिकित्सा पद्धति दी। वैसे तो होमियोपैथी को आविस्कार जर्मनी में हुआ, लेकिन सबसे ज्यादा लोकप्रियता इसे भारत में मिली। आज बलबुते विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों में होमियोपैथी ने अपनी अलग पहचान बनाई। औषधियो की चमत्कारिक प्रभाव और सरल आरोग्य विधि ही इसके जन जन में लोकप्रिय बनाने का महत्वपूर्ण कारण रहा है।
होमियोपैथी में बहुत सारे ऐसे केसेस देखे गए है जो स्पाइन के रोग से ग्रसित थे, और पूर्ण रूप से बिस्तर पर अपना जीवन बिता थे, वो भी होमियोपैथी के इलाज के द्वारा अब पूर्ण रूप से स्वस्थ्य है। एलोपैथी के लिए जो कई बीमारियां असाध्य बन जाती हैं, उनका होमियोपैथी में इलाज संभव है। होमियोपैथी में कई जटिल बीमारियों का इलाज संभव है।
डॉ जे. के. झा
डी. एच. एम. एस.
राकेश होमिओ हॉल
इन्दिरा प्लेस, हिनू, रांची