रांची, झारखण्ड । मार्च | 29, 2017 :: कलाकृति स्कूल ऑफ़ आर्ट्स डोरंडा एवं हटिया सेंटर और कलाकृति आर्ट फाउंडेशन द्वारा सरहुल पर्व के अवसर पर दो दिवसीय चित्रकारी कार्यशाला का आयोजन किया गया | इस अवसर पर सभी बच्चों ने सरहुल पर्व के थीम पर अपने अपने भावनाओं को कैनवास पर उकेरा |
इस दो दिवसीय कार्यशाला में संस्था के 20 बाल कलाकार हिस्सा ले रहे है | छात्रों ने जल रंग एवं अन्य माध्यमों से सरहुल पर्व को कैनवास पे उतरा जिसमे मुख्या रूप से प्रकृति के प्रति ग्रामीणों के लगाव , झारखण्ड के पारंपरिक नृत्य शैली झूमर करते महिलओं को चित्रित किया | चित्रों में पलाश के फूल और सरहुल पर्व पे चारो ओर लगने वाले झंडे को बनाया | हर्षिता ने जहाँ अपनी पेंटिंग में सरहुल पर्व को नशामुक्त रखने का सन्देश दिया वहीँ आकाश ने पारंपरिक वाद्य यंत्रों ढोल, नागदा और मंदर के साथ लोकनृत्य करते हवे ग्रामीणों को दरसाया | रूबी ने सरहुल पर्व पर होने वाली पारंपरिक पूजा को दर्शाया | अकबर में अपने नृत्य में प्रकृति की महत्ता को दिखया और हर्ष ने रात्रि में नृत्य करते हुवे ग्रामीणों को दिखाया एवं ये दरसाया की कैसे लोग एक दुसरे से मिल-जुल कर ये पर्व मानते हैं | कल कार्यशाला के अंतिम दिन बच्चों की बनायीं हुवी पेंटिंग्स को प्रदर्शित किया जायेगा एवं उत्कृष्ट चित्रों के पुरस्कृत किया जायेगा |
कलाकृति स्कूल ऑफ़ आर्ट्स डोरंडा एवं हटिया केन्द्रों के द्वारा विगत 16 वर्षों से बच्चों एवं युवाओं को कला के क्षेत्र आगे बढ़ने हेतु प्रेरित कर रही है| यहाँ निर्धन छात्रों को कलाकृति आर्ट फाउंडेशन के सहयोग से निशुल्क चित्रकला की शिक्षा दी जाती है | यहाँ से शिक्षा प्राप्त छात्र छात्राएं आज भारत के नामी कला महाविद्यालाओं में अपनी कला प्रतिभा को नयी ऊंचाई दे रहे हैं | बहोत से बच्चे फिल्म , एनीमेशन, कला शिक्षक के रूप में अपना करियर हासिल किया है |
इस कार्यक्रम को सफल बनाने संस्था उपनिदेशक रजनी कुमारी, हर्ष, शुभम, हर्षिता, रूबी, तन्वी, आरती, अंजलि, कोमल, आकाश, अनिकेत, अर्चना आदि का सहयोग रहा |